Kukadi pratha
कुकरी प्रथा क्या है। शायद आज के समय में युवा वर्ग के लोगों को इस शब्द के बारे में जानकारी नही होगी। पर भारत वर्ष के एक राज्य राजस्थान में आज के समय भी ये प्रथा एक अभिशाप के रूप में पनप रही है। वर्ष 2014 में विजय एन शंकर की एक किताब आई थी शैडो बॉक्सिंग विद द गॉड्स किताब में हमारे समाज की ऐसी बहुत सारी बुराइयों का ज़िक्र है. जो आज भी चली आ रही हैं. उसमें इस कुकरी प्रथा व इसके तरीकों का भी ज़िक्र है. एक लड़की शादी करके अपने ससुराल आती है. सुहागरात पर उसका पति कमरे में आता है , पति के हाथों में सफ़ेद धागे का एक गुच्छा है. देखकर लड़की घबरा जाती है. वो जानती है कि क्या होने वाला है. क्योंकि ऐसा वो अपने घर की औरतों से हमेशा से सुनती आई है. पति ये चेक करने वाला है कि उसकी बीवी वर्जिन है या नहीं. लड़की रोती रहती है. थोड़ी देर बाद उसका पति वो धागा लेकर बाहर जाता है. चीख-चीखकर सबको बताता है , ‘ अरे , वो ख़राब है. लड़के के घर वाले अब उस नई दुल्हन से उसके पुराने बॉयफ्रेंड का नाम पूछते हैं. लड़की रो-रोकर कहती रह जाती है कि उसने कभी ऐसा कुछ नहीं किया ह...
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