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Begunkodor railway station

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वो रेलवे स्टेशन जहां आत्माओं का है वास , रात में नहीं रुकती कोई भी ट्रेन भारत देश में रेलवे स्टेशनों की शुरुआत को लगभग 200 साल हो चुके है। आज भारत की बड़ी आबादी दूर-दराज के सफर के लिए आज भी रेल सुविधा पर भी भरोसा करती है. ऐसे में किसी ट्रेन स्टेशन का हॉन्टेड यानी भुतहा कहलाना हैरानी की ही बात है. हालांकि बेगुनकोडोर ( Begunkodor) कोलकाता , ऐसा एक रेलवे स्टेशन है जिसे लगभग 42 साल तक “ ghost station ” माना जाता है. यहां लगातार अजीबोगरीब हादसे हुए , जिनके पीछे रहस्यमयी ताकतों का हाथ बताया जाता है। यह सुनने में बड़ा अजीब सा लगता है और वो भी तब जब स्टेशन को खुले अभी महज सात साल ही हुए हों। आपको शायद यह मजाक लग रहा होगा , लेकिन यह बिल्कुल सच है। यह रेलवे स्टेशन पश्चिम बंगाल के पुरुलिया जिले में है , जिसका नाम है बेगुनकोडोर रेलवे स्टेशन। यह रेलवे स्टेशन साल 1960 में खुला था। इसे खुलवाने में संथाल की रानी श्रीमति लाचन कुमारी का अहम योगदान रहा है। यह स्टेशन खुलने के बाद कुछ सालों तक तो सबकुछ ठीक रहा , लेकिन बाद में यहां अजीबोगरीब घटनाएं घटने लगीं। साल 1967 में बेगुनकोडोर के एक रेलवे कर्मचा...

Ajit doval & P. Vijayan history in 1971-72

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49 साल पहले कपड़ो में पॉटी और सुस्सू कर दी थी केरल के वर्तमान कम्युनिस्ट मुख्यमंत्री  पिनाराई विजयन ने ....   दिसंबर 1971 में केरल के # थलसरी जिले में भयंकर साम्प्रदायिक दंगे हुए थे । दंगों के डर से शहर के लोग सड़कों पर नहीं निकल पा रहे थे। अधिकांश लोग अपने घरों में ताला लगा कर अपने रिश्तेदारों के घर चले गए थे । ऐसे हालात में #Vijayan_Koran नाम से एक 26 वर्षीय कट्टर कम्युनिस्ट गुंडा कई मुस्टन्डों को दो जीपों में भरकर मदमस्त हाथी जैसे इलाके में घूमते हुए लोगों को दंगों के लिए उकसा रहा है। इसी क्रम में 4 जनवरी, 1972 को थालास्सेरी में इस गिरोह के हाथों #Kunjiraman नामक एक निर्दोष हिन्दू की हत्या हो गई थी। उससे ठीक दो दिन पहले, थालास्सेरी क्षेत्र में एक 25 वर्षीय युवा आईपीएस अधिकारी ने एएसपी के रूप में पदभार संभाला था। हत्या की जानकारी मिलने पर, वह मौके पर पहुंचा और हत्यारों की धर पकड़ में लग गया। जब उसे मुखबिरों से पता चला कि विजयन कुरान गिरोह एक फार्म हाउस में ड्रग्स पार्टी कर रहा है तो उस युवा IPS ने तुरंत अपनी पुलिस ब्रिगेड के साथ वहाँ दबिश दी। गिरोह का सरगना विजय कुरान को एक का...

*संस्कृति का अंतर*

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*संस्कृति का अंतर*   *_अपने मृत सैनिकों को भी भूल जाने वाले चीन और पाकिस्तान हैं एक और दूसरी और अपने पशुओं, नदी, पर्वत, वन की पूजा करने वाला भारत जो शुरू में गप्प लगता है, गंवार लगता है, वह संस्कृति के रूप में अद्भुत फल देता है ।_*  _कुछ उदाहरण:_  *आंग्ल-अफगान युद्ध बहुत लंबा चला था। करीब 1700 भारतीय जवान और ब्रिटिश अफसर इसमें हताहत हुए थे। एक बार किसी मोर्चे पर ब्रिटिश इंडियन फौज की लगातार हार हो रही थी। उस मोर्चे पर गढ़वाल राइफल्स को भेजा गया।* *_गढ़वाल राइफल्स के जवान जाने कैसे रास्ता भटक गए और किसी और ही दिशा में चल पड़े। हालत यह हुई कि सारा खाना खत्म, और भूखों मरने की नौबत ? तभी फौजियों ने देखा कि ऊपर टीले से एक बकरा आ रहा है। फौजी खुश। चलो, एक बकरा तो मिला। इसी को भून-पका कर पेट की आग शांत की जाए। बकरा नीचे उन्हीं की तरफ आ रहा था तो फौजी उसके और नजदीक आने का इंतजार करने लगे।_*   *तभी वह बकरा एक जगह रुक कर अपने खुरों और थूथन से जमीन खोदने लगा। फौजियों ने देखा कि जमीन से आलू निकल रहे हैं। बकरे की देखा देखी उन्होंने भी जमीन की खुदाई की। आलू ही आलू निकलने लगे । दरअसल ...