ब्रिगेडियर सगत सिंह जून 1962, आगरा का क्लार्क सिराज होटल। होटल की लॉबी में कुछ अमेरिकन टूरिस्ट बैठे हुए थे। वे एक भारतीय को देख, उसकी ओर इशारे कर कुछ तर्क-वितर्क कर रहे थे। भारतीय व्यक्ति ने उन लोगों को नोटिस तो किया, पर कुछ बोलना उचित नहीं समझा। थोड़ी देर में उन अमेरिकियों में से एक उनके पास आया और बोला, "सर! क्या आपका नाम सगत सिंह है?" भारतीय मुस्कुरा कर बोला, "जी, मैं ही सगत सिंह हूँ। पर माफ कीजिए, मैंने आपको पहचाना नहीं।" "आप मुझे कैसे जानेंगे? मैं तो पहली बार इंडिया आया हूँ घूमने।" "फिर आप मुझे कैसे जानते हैं?" "सर! मैं कुछ दिन पहले पुर्तगाल गया था। वहाँ लिस्बन में कई कैफ़े और रेस्टोरेंट्स में आपकी तस्वीर लगी है, और लिखा है कि जो भी इस व्यक्ति को, मतलब आपको, पकड़कर सरकार के हवाले करेगा, उसे दस हजार अमेरिकी डॉलर का इनाम दिया जाएगा।" सगत सिंह खूब जोर से हँसे और बोले, "तो क्या आप मुझे पकड़ कर पुर्तगाल सरकार के हवाले करने वाले ...
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